Agriculture Market : सोयाबीन और चना सहित कृषि उपज की कीमतें गिर गई हैं। चुनाव के बीच नेफेडेन ने अभी तक हरभरा का रजिस्ट्रेशन शुरू नहीं किया है। इसकी वजह से किसानों के लिए कृषि उपज को गारंटी मूल्य से कम कीमत पर बेचने का समय आ गया है। इस समय देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। इस वर्ष अनियमित बारिश के कारण किसान पहले ही निराश हो चुके हैं। कृषि उत्पादों की कीमतों में गिरावट के कारण वह आर्थिक संकट में हैं।
शुरुआत में सोयाबीन का भाव पांच हजार रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर चला गया। हालाँकि, जब किसानों का सोयाबीन मार्केट में आया, तो यह कीमत गिरती चली गई। वर्तमान में प्रति क्विंटल 4 हजार 100 रुपए पर आ गया है। इससे पिछले साल से दाम बढ़ने का इंतजार कर रहे सोयाबीन उत्पादकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। सरकार द्वारा दी गई सोयाबीन की गारंटी कीमत 4 हजार 600 रुपए है। लेकिन इस साल इस गारंटीशुदा कीमत पर सोयाबीन नहीं खरीदा गया। खरीद की तारीख के अंत में, NAFED ने औपचारिकता के तौर पर कुछ क्षेत्रों में थोड़ी मात्रा में खरीदारी की।
अब चने का भी यही हाल हुआ है। चने के उत्पादन से पहले अकोला जिले में चने की कीमत 7,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गई थी। चने के मार्केट में आते ही दाम गिर जाते हैं और अब पांच हजार तक पहुंच गये हैं। चने का गारंटी मूल्य 5 हजार 440 रूपये प्रति क्विंटल है। नेफेड द्वारा हर साल फरवरी महीने में रेजिस्ट्रेशन कराकर मार्च महीने से चने की खरीदी की जाती है। असली सवाल यह है कि चुनावी जश्न के दौरान किसानों की समस्याओं पर कौन ध्यान देगा?