Poultry Management : सर्दियों के मौसम में मुर्गियों की देखभाल करना बहुत ज़रूरी होता है, क्योंकि उनके शरीर का तापमान अन्य जानवरों की तुलना में थोड़ा अधिक होता है। इसलिए उन्हें सर्दियों के दौरान विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। सर्दी में मुर्गियों के शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए उन्हें अधिक से अधिक ऊर्जायुक्त आहार देना चाहिए। सर्दियों के दौरान उनके आहार और शेड में व्यवस्था पर ध्यान देना बहुत महत्वपूर्ण है। सर्दी का मौसम मुर्गियों के स्वास्थ्य और उत्पादकता को प्रभावित करता हैं। मुर्गियाँ अन्य पशुओं की तुलना में जल्दी बीमारियों की चपेट में आती हैं। इसलिए हर मौसम में मुर्गियों की अच्छे से देखभाल करना जरूरी है और मौसम के अनुसार प्रबंधन में बदलाव करना भी जरूरी है।
मुर्गियों में कई प्रकार की वायरल और बैक्टीरियल बिमारिया होती हैं। इसके अलावा, एफ्लाटॉक्सिकोसिस में मुर्गियों के मरने की संभावना अधिक होती है। इससे बहुत अधिक नुकसान होता है। इसलिए, मुर्गियों को ऐसी बीमारियों से बचाने के लिए रोग नियंत्रण उपाय करना आवश्यक है। सर्दियों में मुर्गियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और अंडे का उत्पादन कम हो जाता है। शेड में अत्यधिक ठंड और नमी के कारण शेड में बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है, जिससे मुर्गियों में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और भारी नुकसान होता है। सर्दियों के मौसम में मुर्गियों में मुख्य रूप से फॉक्स, फाउल हैजा, साल्मोनेला आदि बीमारियाँ पाई जाती हैं।
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सर्दियों में मुर्गियों की देखभाल कैसे करें?:
मुर्गियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने के लिए उन्हें संतुलित आहार देना चाहिए। शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए मुर्गियों को अच्छी गुणवत्ता वाले भोजन की आवश्यकता होती है। सर्दियों में मुर्गियां बहुत कम पानी पीती हैं। मुर्गियों को ताजा और साफ पानी देना चाहिए। अगर पानी बहुत ठंडा है, तो इसे गर्म पानी के साथ मिलाएं। इससे मुर्गियों की पानी पीने की क्षमता बढ़ जाएगी। सर्दियों में रात के समय तापमान बहुत कम होता है, इसलिए शेड में जहां ठंडी हवा आती है, उसे पर्दों से बंद कर देना चाहिए और अगली सुबह फिर से खोल देना चाहिए ताकि सुबह सूरज की किरणें शेड के अंदर आ सकें। जिससे मुर्गियों को गर्माहट मिलेगी।
सर्दियों में आम तौर पर मुर्गियों को बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, मुंह से सांस लेना, भूख न लगना, घरघराहट जैसी कई समस्याएं होती हैं। ऐसे में पशुचिकित्सक की सलाह से मुर्गियों का नियमित टीकाकरण करवाना चाहिए।