White Brinjal Cultivation : किसान पारंपरिक खेती की जगह नई कृषि तकनीक और नई किस्मों का इस्तेमाल करके ज्यादा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। अधिक उत्पादन देने वाली सब्जियों में बैंगन बहुत लोकप्रिय है। सफेद बैंगन की खेती कर किसान अच्छा उत्पन्न प्राप्त कर सकते हैं। जून में रोपाई कर किसान अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं। इसकी खेती के लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है। मार्केट में इसकी लगातार मांग बनी रहती है और कीमत भी अच्छी मिलती है। सफेद बैंगन लागत की तुलना में अच्छा मुनाफा दे सकता है। सफेद बैंगन एक ऐसी फसल है, जिसकी खेती करके किसान कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
सफेद बैंगन की रोपाई फरवरी और मार्च महीने में की जाती हैं। क्योंकि बैंगन की देर से बुआई, उच्च तापमान और गर्मी के तनाव के कारण पौधे की वृद्धि कम हो जाती है। इसलिए बैंगन की नर्सरी 15 जनवरी के बाद शुरू करनी चाहिए। मुख्य खेत में फरवरी और मार्च में रोपाई करनी चाहिए। लेकिन अगर बैंगन को बरसात के मौसम में लगाना है तो बैंगन को जून में लगाना चाहिए
जिस स्थान पर नर्सरी लगाई जाती है, वहां सबसे पहले 1 से 1.5 मीटर लंबी और 3 मीटर चौडा बेड बना लें और मिट्टी को फावड़े से पलट दें। इसके बाद प्रति बेड 200 ग्राम डीएपी डालकर फिर जमीन पर रेखा खींचकर बैंगन के बीज लगा दें। सफेद बैंगन की बुआई के तुरंत बाद हल्का पानी देना चाहिए। इसकी खेती के लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है। याद रखें कि केवल जैविक खाद या कम्पोस्ट का ही उपयोग करें। इस फसल को कीटों एवं रोगों से बचाने के लिए जैविक निम्बोली कीटनाशक का प्रयोग अवश्य करें। मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए नियमित रूप से पानी दें।