Rabi Crops : देश के किसान लगातार समस्याओं का सामना कर रहे हैं। किसानों के सामने कभी आसमानी तो कभी सुल्तानी संकट आ रहे हैं। वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि हवामान परिवर्तन का फसलों पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। देश के विभिन्न राज्यों समेत महाराष्ट्र में कभी ठंड पड़ रही है तो कभी बारिश हो रही है। इसका असर कृषि फसलों पर पड़ रहा है। गेहूं, चना के बाद अब प्याज की फसल भी बढ़ती ठंड और बारिश से प्रभावित हो रही है। इसलिए किसान चिंतित हैं।
पिछले साल खरीफ सीजन में बाढ़ और बारिश के कारण किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ था। कपास और सोयाबीन की फसलों के साथ-साथ बगीचों को भी वापसी की बारिश से भारी नुकसान हुआ। इसमें किसानों को लाखों रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है। इस समय देश के कई हिस्सों में भीषण ठंड, ओस और बारिश के कारण फसलों को नुकसान हुआ है।
महाराष्ट्र में भी बदलते मौसम का असर फसल पर पड़ रहा है। यहां कपास और सोयाबीन को उचित कीमत नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। रोगों से फसल भी नष्ट हो रही है। वहीं, बारिश और कड़ाके की ठंड के कारण मौसम में नमी बढ़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि मौसम में नमी अधिक रही तो फसलों पर रोग लग सकते हैं। बुलढाणा, नासिक, अहमदनगर, धुले समेत कई जिलों में किसान हवामान परिवर्तन से परेशान हैं। क्योंकि इस मौसम का असर फसलों पर पड़ने की संभावना है। राज्य में गेहूं, चना जैसी रबी सीजन की फसलें बोई गई हैं। प्याज उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र अग्रणी राज्य है। इस समय राज्य के कई हिस्सों में प्याज की बुआई चल रही है। हवामान परिवर्तन के कारण प्याज की फसल पर कीट और अन्य बीमारियों के लगने का डर रहता है। इसके अलावा गेहूं, चने की फसलें भी प्रभावित होने की आशंका है।
लगातार बदलते हवामान और फसलों पर लगने वाली बीमारियों के कारण किसानों की उत्पादन लागत बढ़ती जा रही है। साथ ही आय में भी भारी कमी देखने को मिल रही है। इससे किसान अक्सर परेशानी में रहता है। ख़रीफ़ सीज़न के दौरान, भारी बारिश और बीमारी के कारण कई क्षेत्रों में फसलें बर्बाद हो गईं। इसलिए किसानों की सारी उम्मीदें रबी सीजन की फसलों पर थीं। लेकिन, बार-बार बदलते पर्यावरण के कारण कई बीमारियां फसलों को प्रभावित कर रही हैं इसलिए किसान चिंतित हैं।