Soyabean Rate : शुरुआत में सोयाबीन को पांच हजार से भी ज्यादा भाव मिल रहा था। किसानों को उम्मीद थी की सोयाबीन की कीमतों में और बढ़ोतरी होगी। इसके चलते किसानों ने सोयाबीन को वेयर हाउस में भंडारण कर लिया। लेकिन अब सोयाबीन के दाम 1 हजार से 1200 रुपए तक गिरने से किसान चिंतित हैं। सोयाबीन उत्पादक किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। सोयाबीन की कीमत में बड़ी गिरावट आई है और व्यापारियों से गारंटीशुदा कीमत से कम कीमत पर सोयाबीन खरीदा जा रहा है।
पिछले साल भारी बारिश के कारण सोयाबीन को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था और मार्केट में आवक कम होने के कारण सोयाबीन 10,000 रुपये के भाव पर बिका था। इस साल शुरुआत में बारिश देर से आने के कारण बुआई में देरी हुई। जब सोयाबीन पकने की अवस्था में थी तब सोयाबीन पर पीला मोज़ेक जैसा रोग भी लग गया। सोयाबीन की कटाई के दौरान भारी बारिश के कारण सोयाबीन की पैदावार में काफी कमी आई है। मार्केट में सोयाबीन को 5100 से 5200 रुपये का भाव मिला। सोयाबीन की बुआई से लेकर कटाई तक लगभग 10 से 15 हजार रुपए का खर्च आता है। लेकिन मार्केट में सोयाबीन को भाव न मिलने के कारण खेती की लागत अधिक और आय कम है।
केंद्र सरकार ने इस साल सोयाबीन के लिए 4 हजार 600 रुपये की गारंटी कीमत की घोषणा की है। हालांकि मार्केट में सोयाबीन उससे कम दाम पर बिक रहा है। केंद्र सरकार ने खाद्य तेल पर आयात शुल्क घटा दिया है इससे सोयाबीन की कीमतों में भारी गिरावट आई है। केंद्र सरकार द्वारा लगातार किसान विरोधी फैसले लिए जाने से किसानों में काफी नाराजगी हैं। किसान सोयाबीन का न्यूनतम मूल्य 6 से 7 हजार रुपए करने की मांग के साथ-साथ सोयाबीन तेल का आयात बंद करने और निर्यात प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे हैं।