Author: IshitaPG

Poultry Disease :  पुलोरम रोग मुख्य रूप से चूजों और मुर्गे-मुर्गियों को प्रभावित करता है, पुलोरम रोग एक संक्रामक पोल्ट्री रोग है जो साल्मोनेला पुलोरम जीवाणु के कारण होता है। लेकिन बड़ी मुर्गियों, गेम बर्ड्स, गिनी फाउल, शुतुरमुर्ग, तोते, मोर, रिंग कबूतर, गौरैया और टर्की को भी प्रभावित कर सकता है। रोग की अवधि आठ से दस दिन तक होती है। लेकिन अगर ये रोग मुर्गीयो को अंडे सेने के दौरान हो जाय तो पहले सप्ताह में ही चूजे मृत देखने मिळते हैहालाँकि वयस्क मुर्गियाँ लक्षण नहीं दिखाती है पर फिर भी वे इस बीमारी की वाहक होती हैं। पुलोरम…

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Papaya Subsidy : किसान अपने खेतों की आमदनी बढाने के लिये तरह-तरह के प्रयोग करते नजर आ रहे हैं। किसान नई तकनीकों का उपयोग कर रहे है। किसान अब लाभकारी फसलों की खेती कीओर बढा रहे है। पिछले कुछ समय मे ये बदलावं देश मे दिखनें लगा है। अब उन फसलों में पपीता भी शामिल है। भारत में, पपीते की खेती पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु ,गुजरात ,उड़ीसा, केरल, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में की जाती है। यह गोवा में व्यावसायिक खेती के लिए एक संभावित फल की फसल है। पपीता पूरे वर्ष उगता है लेकिन गर्मी की शुरुआत और पतझड़ में…

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Fodder Crop Management : गर्मी और चारे की कमी का सीधा असर पशुओं के स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसलिए गर्मीयों में ग्रीष्मकालीन फसलों के साथ-साथ चारे की फसलों की भी व्यवस्था करना जरुरी है। मक्का, बाजरा, घास जैसी चारा फसलें लेनी चाहिए। जिससे मई और जून के महीने में चारे की कमी नहीं होती। गर्मी के मौसम में आवश्यकता के समय चारा उपलब्ध रहे इस दृष्टि से योजना बनानी चाहिए। चारे की कमी का सबसे बड़ा असर दूध उत्पादन पर पड़ता है। इसलिए अगर दूध की कीमत बढ़ती भी है तो इसका सीधा फायदा किसानों को नहीं होता है। हरे…

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Summer Groundnut Crop : मूंगफली एक प्रमुख तिलहनी फसल है। महाराष्ट्र में इसकी खेती बहुत ज्यादा देखने को मिलती है। मूंगफली की खेती ख़रीफ़ सीज़न यानी मानसून और गर्मियों में की जाती है। गर्मियों में स्वच्छ सूर्य का प्रकाश मिलने के कारण रोग एवं कीड़ों की समस्या कम होती है। यदि सिंचाई व्यवस्था ठीक से नियोजित की जाए तो अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है। ख़रीफ़ सीज़न में मूंगफली को मिश्रित फसल जैसे तिल, बाजरी, मूंग, लोबिया आदि के रूप में लेने से अच्छा लाभ प्राप्त किया जा सकता है। यदि गर्मी के मौसम में मूंगफली की बुआई करनी…

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Turmeric farming : हल्दी की खेती करते समय किसानों को इन बातों पर ध्यान देना चाहिए। हल्दी भारत का एक लोकप्रिय मसाला है। इसके सुनहरे पीले रंग के कारण इसे ‘इंडियन सॉलिड गोल्ड’ और ‘इंडियन केसर’ नाम दिया गया है। हल्दी का उपयोग एशिया में हजारों वर्षों से किया जा रहा है और यह आयुर्वेद का एक प्रमुख हिस्सा है। हल्दी की फसल बुआई के समय के आधार पर सात से नौ महीने में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। फसल की कटाई आम तौर पर जनवरी से मार्च के दौरान की जाती है। परिपक्व होने पर हल्दी पत्तियाँ…

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Mango Rate : इस साल आम का उत्पादन घटने की संभावना है। इस बार आम खरीदने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। क्योंकि बदलते मौसम का फसल पर बड़ा बुरा असर पड़ता है। दुनिया भर में आम लोगों का सबसे पसंदीदा फल है। हर साल आम कि मार्केट मे बहोत मांग होती है। इस साल ग्राहक को आम खरीदने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। चूँकि पूरे भारत में बेमौसम बारिश हो गई है, जलवायु परिवर्तन किसानों के लिए एक बडी समस्या बनकर उभरा है। यही मुख्य कारण है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इस साल भारत में…

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Black Tomatoes : आप ने कभी ब्लॅक टमाटो (Black Tomatoes) नाम सुना है क्या। कई लोगोने तो इसके बारेंमे सुना भी नही होगा। ये टमाटर भले ही दिखने में काले COLOUR के होता है । पर इस्की खेती बहोत लाभदायक होती है। इससे आप लाखो रूपये कमा सकते है। इन टमाटरों को खाने से कई बीमारियों से राहत मिलती है। ये ब्लॅक टमाटो लाइकोपीन, विटामिन ए , विटामिन सी और पोटेशियम के उच्च स्तर प्रदान करते हैं। इसलिए लाल रंग की तुलना में यह पोषण से भरपूर होते हैं। लगभग सभी काले टमाटर यूक्रेन में क्रीमिया प्रायद्वीप से आते हैं,…

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Onion Twister Disease : भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्याज उत्पादक देश है। दुनिया भर में भारतीय प्याज की काफी मांग है। प्याज का सर्वाधिक उत्पादन महाराष्ट्र राज्य में होता है। इसके बाद कर्नाटक, गुजरात ,बिहार ,मध्य प्रदेश , इन राज्य मे होता हे। प्याज की फसल को रोग नियंत्रण के लिए नर्सरी से लेकर कटाई तक देखभाल की आवश्यकता होती है। इसी तरह कटाई के बाद प्याज की देखभाल करना और भंडारण करने से पहले उसे अच्छी तरह सुखाना भी बहुत जरूरी है। प्याज की फसल पर ट्विस्टर रोग का प्रकोप मुख्यतः 2020 से देखा जा रहा है।…

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Milk Subsidy : राज्य में दुग्ध उत्पादक किसानों को सब्सिडी देने को लेकर कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है। इसके मुताबिक, अब सहकारी समितियों, निजी दुग्ध संघों को दूध आपूर्ति करने वाले किसानों को 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी जाएगी। राज्य में सहकारी दुग्ध संघों और निजी दुग्ध परियोजनाओं के माध्यम से एकत्रित गाय के दूध पर दुग्ध उत्पादकों और किसानों को 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी जाएगी। इससे पहले सत्र में केवल सहकारी दुग्ध संघों को सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया था। राज्य में प्रतिदिन 1 करोड़ 60 लाख लीटर दूध जमा होता…

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Fertilizer Subsidy : किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे है। किसानों की मांगों का अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। ऐसे में केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने फर्टिलाइजर कंपनियों को सब्सिडी देने का ऐलान किया है। लोकसभा चुनाव नजदिक हे इसलिये सरकार रोज नाई योजना निकाल रही हे। पर चुनाव के पहले भारत मे किसानों के लिये एक बोहत बडी दिलासा दायक बात सामने आई हे सरकार किसानों (Farmers) को खाद पर भारी सब्सिडी देने जा रही है। केंद्र सरकार ने फर्टिलाइजर कंपनियों…

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