Godam Yojna :किसानों के सामने उत्पादन से भी बड़ा सवाल यह है कि कृषि उपज का भंडारण कहां किया जाए । भंडारण सुविधाओं की कमी के कारण, किसान कटाई के तुरंत बाद फसल बेचते हैं, इसलिए किसान उपज को कम कीमत पर बेचते है और उनको अच्छा बाजार मूल्य नहीं मिल पाता हैं। किसानों की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार के माध्यम से गांवों में ‘गोदाम’ योजना शुरु की जा रही है।
सरकार राज्य के किसानों के लिए कृषि उपज और कृषि उपकरणों के भंडारण के लिए ” गोदाम योजना” शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत हर गांव में गोदाम का निर्माण किया जाएगा। इससे किसान अपना माल सुरक्षित और ढंग से भंडारण कर सकेंगे। योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों के लिए बुनियादी सुविधाएं बनाना है। योजना के लिए महाराष्ट्र वहल कॉर्पोरेशन, पुणे की अध्यक्षता में एक अध्ययन समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है और उसी के अनुसार योजना लागू की जाएगी।
खेतों में अनाज भंडारण के लिए यह योजना चलायी जा रही है। जिन किसानों के घर छोटे होते हैं वे अधिक समय तक उपज घर में नहीं रख पाते। जगह की कमी के कारण किसानों को कीमत कम होने पर भी उपज बेचने के लिए ले जाना पड़ता है। ऐसे में जिन किसानों के पास जगह है वे शीट शेड बनाकर कृषि उपज का भंडारण कर रहे हैं, लेकिन पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण उन्हें न चाहते हुए भी कृषि उपज बेचनी पड़ रही है। किसानों की इसी समस्या को देखते हुए सरकार ने यह योजना शुरू की है। जिला परिषद के माध्यम से ग्राम पंचायतें भी ऐसे गोदाम स्थापित कर सकेंगी। इसलिए यदि किसान इन गोदामों का समर्थन करेंगे तो बदले में ग्राम पंचायत की आय भी शुरू हो जाएगी।