Onion Rate : राज्य में प्याज एक बार फिर चर्चा में है। एक महीने पहले की तुलना में प्याज आधी कीमत पर मिल रहा है। व्यापारियों का कहना है कि प्याज की आवक बढ़ने से प्याज की कीमत गिर रही है। लेकिन प्याज की कीमत गिरने से प्याज उत्पादक किसान संकट में हैं। गिरावट को रोकने के लिए उपाय करने की मांग की गई है। प्याज को नकदी फसल के रूप में जाना जाता है। लेकिन यही प्याज कभी-कभी किसानों को रुला देती है। प्याज नकदी फसल है, इसलिए प्याज की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। इस साल भी लाल प्याज की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है।.वहीं, प्याज की कीमतों में गिरावट आई है।
पिछले कुछ दिनों से प्याज की कीमत में बढ़ोतरी के कारण इसकी मांग कुछ हद तक कम हो गई। अब मार्केट में प्याज की आवक भी बढ़ गई है। इसका नतीजा यह हुआ कि प्याज की कीमतें गिर गईं। पिछले महीने में प्याज की कीमतें आधी हो गई हैं। सोलापुर में प्याज 25 से 30 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। नासिक जिले में भी प्याज की कीमतें गिरी हैं। मालेगांव, मनमाड और नासिक जिले की बाजार समितियों में प्याज की कीमत 2600 से 3200 तक मिल रही है। यह सब प्याज की आवक बढ़ने के कारण हुआ है। सोलापुर जिले में शनिवार को करीब साढ़े पांच सौ गाड़ी प्याज की आवक हुई है। नासिक जिले में भी प्याज की आवक बढ़ी है।
कुछ हफ्ते पहले प्याज का औसत भाव 3200 से 3500 प्रति क्विंटल मिल रहा था। इसमें 300 से 800 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। 6 नवंबर को प्याज का अधिकतम रेट 4 हजार रुपये था। अब प्याज की कीमत 2600 से 3200 प्रति क्विंटल है। इससे प्याज उत्पादक किसान निराश हो गये हैं। किसानों की मांग है कि सरकार प्याज की कीमतों में गिरावट को रोकने के लिए कदम उठाए।