Papaya Subsidy : किसान अपने खेतों की आमदनी बढाने के लिये तरह-तरह के प्रयोग करते नजर आ रहे हैं। किसान नई तकनीकों का उपयोग कर रहे है। किसान अब लाभकारी फसलों की खेती कीओर बढा रहे है। पिछले कुछ समय मे ये बदलावं देश मे दिखनें लगा है। अब उन फसलों में पपीता भी शामिल है।
भारत में, पपीते की खेती पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु ,गुजरात ,उड़ीसा, केरल, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में की जाती है। यह गोवा में व्यावसायिक खेती के लिए एक संभावित फल की फसल है। पपीता पूरे वर्ष उगता है लेकिन गर्मी की शुरुआत और पतझड़ में इसकी पैदावार चरम पर होती है।
बिहार सरकार किसानों को पपीते की खेती के लिए सब्सिडी दे रही है। एकीकृत बागवानी विकास अभियान योजना के तहत बिहार सरकार किसानों को पपीता की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। बिहार सरकार किसानों की मदद के लिए ये योजनाएं बना रही है। ओर इन योजनाओ से कृषि फसलों का उत्पादन बढ़ाने मे मदद मिलेगी।
राज्य सरकार ने खेती के लिए प्रति हेक्टेयर लागत 60000 रुपये तय की है। सरकार किसानों को 75 % सब्सिडी दे रही है। यानी 45 हजार रुपये सब्सिडी मिलेगी। इस बीच किसानों को एक हेक्टेयर में पपीता की खेती करने के लिए सिर्फ 15 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं। यदि आप पपीता कि खेती करना चाहते है तो आप [horticulture.bihar.gov.in] इस website पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। ओर इस सब्सिडी का लाभ उठा सकते है। किसान अधिक जानकारी के लिए नजदीकी उद्यान विभाग से संपर्क कर सकते हैं।