Poultry Farming : कुक्कुटपालन यानि मुर्गीपालन यह व्यवसाय दिन-ब-दिन बढ़ता नजर आ रहा है। कई किसान खेती के साथ साथ मुर्गीपालन करते है। यह कारोबार किसानों को दोगुना मुनाफा दिला सकता है। लेकिन मुर्गीपालन करते समय कई समस्याओं का सामना करना पडता है। जिला स्तर पर पूरक कृषि व्यवसाय से जुड़े मुर्गीपालकों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा था। ऐसी कोई व्यवस्था अस्तित्व में नहीं थी। पोल्ट्री व्यवसायियों का कहना था कि ऐसी व्यवस्था जिला स्तर पर होनी चाहिए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब दो टोल फ्री नंबर 1962 और 180023330418 उपलब्ध कराए गए हैं। अब पोल्ट्री व्यवसायि इस नंबर से अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते है।
प्रदेश में पोल्ट्री व्यवसाय एक पूरक व्यवसाय के रूप में विकसित होने लगा है। इस व्यवसाय से बहोत से किसान जुड़े हुए हैं। कुछ किसान व्यक्तिगत आधार पर पैसे नहीं जुटा पाते हैं। वह यह व्यवसाय ठेके के आधार पर करते है। इस क्षेत्र की कंपनियां ऐसे किसानों को एक दिन के चूजे, दवाइयां, खाना और अन्य सामान देती हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ऐसे आरोप बढ़े हैं कि कंपनियों द्वारा एकतरफा अनुबंध के जरिए किसानों का शोषण किया जा रहा है। इसलिए ऐसी शिकायतों के समाधान के लिए जिला स्तर पर हेल्पलाइन का मुद्दा उठाया गया।
इसपर निर्णय लेते हुए पशुपालन विभाग द्वारा जिला स्तर पर ऐसी शिकायतों के समाधान के लिए हेल्पलाइन नंबर की घोषणा की गई है। इसमें 1962 और 18002440418 दो नंबर शामिल हैं।