सरकार ने किसानों, कुक्कुट किसानों और मछुआरों को लाभ पहुंचाते हुए क्रश्ड और डी-ऑयल जीएम सोया केक (केवल निर्जीव जीव) के आयात के नियमों में ढील दी| 12 लाख मीट्रिक टन क्रश्ड और डी-ऑयल जीएम सोया केक (केवल निर्जीव जीव) के आयात की अनुमति देने के लिए दी गई छूट।
भारत सरकार ने क्रश्ड और डी-ऑयल जीएम सोया केक (केवल गैर-जीवित जीव) के आयात के नियमों में ढील दी है। इससे किसानों, कुक्कुट पालन किसानों और मछुआरों को बड़े पैमाने पर फायदा होने वाला है ऐसा सरकारने बताया है ।
आईटीसी (एचएस) 2017 की आयात नीति अनुसूची – I (आयात) के संबंध में सामान्य नोट्स की शर्त 6 (बी) के प्रावधान के प्रावधान को अब 12 लाख मीट्रिक टन क्रश और डी-ऑयल जीएम सोया केक के आयात की अनुमति देने के लिए आराम दिया गया है। न्हावा शेवा पोर्ट और एलसीएस पेट्रापोल से आईटीसी एचएस कोड 23040020 और 23040030 के तहत 31 अक्टूबर, 2021 तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो आयात के नियमों में ढील दी।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से स्पष्टीकरण और पूर्व अनुमति के बाद आती है कि “चूंकि सोया डी-ऑयल एंड क्रश्ड (डीओसी) केक में कोई जीवित संशोधित जीव नहीं है, मंत्रालय को पर्यावरण के दृष्टिकोण से सोया केक” आयात के लिए कोई चिंता और कोई आपत्ति नहीं है।
इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि 12 लाख मीट्रिक टन की आयात मात्रा का उल्लंघन न हो, सीबीआईसी द्वारा संबंधित बंदरगाहों पर सीमा शुल्क अधिकारियों के माध्यम से सख्त निगरानी की जाएगी। इस निर्णय से किसानों, मुर्गीपालकों और मछुआरों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इस निर्णय का सोयाबीन उत्पादक किसानों के उपर भी बहुत बडा असर होणे वाला है ।क्यो की नयी सोयाबीन कि फसलं चंद दीनोमे मार्केट में आयेगी ,सोयामील इम्पोर्ट से किसोनोमे केंद्र सरकार कि नीतीओ से नाराजगी है।