satbara utara : सातबारा राज्य के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। सातबारा उतारा भूमि के बारे में विस्तृत जानकारी दर्शाता है। कृषि भूमि खरीदते-बेचते समय इसकी आवश्यकता पड़ती है। इसके अलावा किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लेने, सरकारी कार्यों के लिए, ऋण लेने के लिए सातबारा उतारा की आवश्यकता होती है। सातबारा उतारा को लेकर सरकारने एक अहम फैसला लिया है।
ऑनलाइन निकाला जानेवाला सातबारा उतारा और पंजीकरण शुल्क बढ़ा दिया गया है। सातबारा उतारा जो पहले 15 रुपये में मिलता था, अब 25 रुपये में मिलेगा। परिवर्तन पंजीकरण के लिए आवेदन पहले निःशुल्क था। लेकिन अब उसके लिए 25 रुपये चुकाने होंगे। यह राशि पहले दो पेज के लिए ली जाएगी। इसके बाद प्रत्येक पृष्ठ के लिए 2 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा।
इस फैसले से किसानों और सामान्य नागरिकों को भारी नुकसान होगा। कई लेनदेन के लिए सातबारा उतारा और लेनदेन रिकॉर्ड की आवश्यकता होती है। इससे इन लेनदेन की लागत बढ़ जाएगी। इस फैसले को लेकर किसानों ने नाराजगी जताई है। उन्होंने इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है। बढ़ती महंगाई के दबाव के कारण सरकार को सातबारा उतारा और लेनदेन रिकॉर्ड की दरें बढ़ाने का निर्णय लेना पड़ा है। इस मूल्य वृद्धि से नागरिकों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। भविष्य में कीमतों में और बढ़ोतरी की संभावना है। सरकार को इस पर नियंत्रण के लिए कदम उठाने की जरूरत है।