खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) अनाज, तिलहन, सब्जियां और फल आधारित प्रसंस्करण उद्योगों सहित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समग्र विकास और विकास के लिए 2016-17 से केंद्रीय क्षेत्र की छत्र योजना- प्रधान मंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) लागू कर रहा है।
अपनी घटक योजनाओं के तहत, MoFPI प्राथमिक प्रसंस्करण सुविधाओं, संग्रह केंद्रों आदि जैसे कृषि स्तर के बुनियादी ढांचे के साथ खाद्य प्रसंस्करण / संरक्षण उद्योगों की स्थापना के लिए उद्यमियों को सहायता अनुदान के रूप में ऋण से जुड़ी वित्तीय सहायता (पूंजीगत सब्सिडी) प्रदान करता है।
घटक योजना के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण एवं परिरक्षण क्षमता निर्माण/विस्तार के लिए कुल 292 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अलावा, मेगा फूड पार्क परियोजनाओं के हिस्से के रूप में 116450 एमटी की ड्राई वेयरहाउस क्षमता, 56520 एमटी की कोल्ड स्टोरेज क्षमता और 1750 एमटी की डीप फ्रीजर क्षमता वाले कुल 124 प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्रों को मंजूरी दी गई है।
सरकार ने 2021-2022 के बजट भाषण में टमाटर, प्याज और आलू (TOP) से 22 खराब होने वाले उत्पादों तक “ऑपरेशन ग्रीन्स योजना” के दायरे का विस्तार करने की घोषणा की है, ताकि इन खराब होने वाले उत्पादों में मूल्यवर्धन को बढ़ावा दिया जा सके। मंत्रालय ने इन 22 खराब होने वाली वस्तुओं की पहचान की है, जिनमें आम, केला, सेब, अनानास, गाजर, फूलगोभी, बीन्स आदि शामिल हैं।
यह जानकारी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।