Wheat Harvesting : वर्तमान में राज्य के अधिकांश हिस्सों में समय पर यानी नवंबर माह में बोया गया गेहूं औ कटाई के लिए तैयार है। वहीं देर से बोया गया गेहूं दाना भरने की अवस्था में नजर आ रहा है। गेहूं की कटाई का सही समय जानना और समय पर कटाई करना जरूरी है। गेहूं के पौधे पीले पड़ जाने के बाद और बालियां सूख जाएं तो फसल की कटाई कर लेनी चाहिए। 15 से 20 % नमी दानों में हो तो फसल काटने का सही समय होता है। फसलं कटाई के बाद फसल को 3 से 4 दिन तक सुखने के लिए रखते है।
जल्दी कटाई करने से फसल की पैदावार कम हो जाती है क्योंकि गेहूं के दाने पूरी तरह से परिपक्व नहीं होते हैं। दूसरी ओर, गेहूं की देर से कटाई करने से अनाज की बर्बादी हो सकती है। इस साल पानी की कमी के कारण गेहूं कि बुआई कम हुई है। गेहूं की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए किसानों को कटाई के इस चरण के दौरान उचित देखभाल करनी चाहिए। कम खेती का रकबा होने के कारण इस साल गेहूं को अच्छी कीमत मिलने की संभावना है।
भारत में रबी मौसम मे गेहूं की खेती होती है। गेहूं को अक्टूबर के महीने में बोया जाता है। और अप्रैल और मई के महीनों के दौरान काटा जाता है। भारत में गेहूं उत्पादक राज्यो में राजस्थान, मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश ,गुजरात, और महाराष्ट्र शामिल है। गेहूं दोनो मौसम मे उगाया जाता है।महाराष्ट्र में, गेहूं आमतौर पर लगभग 110 से 120 दिनों में पक जाता है।
गेहूं की कुछ किस्में फसल के दाने पकने के बाद खेत में गिराने से खराब हो जाती हैं। ऐसा होने से रोकने के लिए गेहूं की कटाई फसल पकने से 2 से 3 दिन पहले कर लेनी चाहिए। कटाई के समय अनाज में नमी की मात्रा 15 % होनी चाहिए। गेहूं की मड़ाई मशीन की सहायता से करनी चाहिए। मड़ाई करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गेहूं के दाने फटे नहीं।